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पारिजात के फूल





पारिजात के फूल
पारिजात के फूल

"अरे । दीदी ये पारिजात का पौधा है ले जाईए बहुत सुन्दर सुगन्ध आती है इनके फूलों से और अग्रेजी में इसे night Jasmin कहते है," नर्सरी में खड़े 14 साल के लड़के ने बड़े हौसले से अपने ज्ञान को मेरे सामने रखा। मैं जल्दी में थी बस एक खाली गमला था जिसे मुझे भरना था , पौधा लिया और माली को उगाने के लिए दे दिया। कुछ दोनों के बाद मैंने महसूस किया हर सुबह 5 या 6 पंखुड़ियों वाला सफेद फूल जिसकी केसरी रंग की बहुत सुंदर सी ड़डी है पौधे के पास गिरे मिलते थे । मैनें माली से पुछा- 'भईया ! ये पारिजात के फुल पौधे पर खिलते हुए कभी नहीं देखे इनके दर्शन हमेशा जमीन पर ही हुए हैं ' वह पौधों में खुदाई करते हुए बोला -'अरे! दीदी देखेगी कैसे ये रात को खिलते हैं, सुर्य की पहली किरण के साथ झड़ जाते हैं, वह उत्साह से बताने लगा आपको पता है यह पौधा भगवान श्री कृष्ण इन्द्र से लड़कर स्वर्ग से लाकर अपनी पत्नी को दिए थे, और पुरानी कथाओं में सुना तो ये भी है कि "पारिजात" नाम की राजकुमारी थी जो सूर्य भगवान से प्रेम करती थी परन्तु सूर्य भगवान नहीं करते थे सुर्य देव ने अपना तेज बढ़ा दिया और पारिजात भस्म हो गई और तब उसी की राख में से यह परिजात का पौधा उगा फिर बाद मे सूर्य देव को पछतावा हुआ , पर उसका क्या फायदा क्यों है ना दीदी'??!! इसीलिए अपनी नाराज़गी दिखाने के लिए, आज भी सूर्य की पहली किरण के साथ पारिजात के फूल झड़ जाते हैं । हां, पर ज्ञानी कहते है इसे घर में लगाना शुभ होता, लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं अच्छा किये आप ले आई हमे तो बस इसकी सुंगध बहुत पंसद है और लक्ष्मी जी घर पर आएंगी तो बढ़िय ही है '

उसने हँस कर अपनी बात खत्म की, परंतु उसकी बातें सुनकर लगा जैसे वृक्षो , पौधो के पीछे इतिहास, विज्ञान , और कहानीयां छिपी है, जिन्हें हम सिर्फ सुन्दरता या healthy environment के लिए लगाते है,

पर मेरे काव्य हृदय ने इस विशेष पौधे के लिए कुछ पंकियां रची-


रात अंधेरे में मैं खिल गया

खुशबु छोड़ फिज़ा में

सुबह की पहली किरण के साथ

कहकर अलविदा माटी मे मिल गया

मैने देखें है अंधेरे

अंधेरों को महसूस किया है

अंधेरे मे उगने का साहस मन में भरकर

अपने अस्तित्व को रोशन किया है।


मेरे हृदय ने कहा-

जिंदगी में अंधेरा ज्यादा हो और जिंदगी जीने के लिए हौसला कम हो रहा हो तब पारिजात को याद करना पर हां, इन्हें देखना हो तो सुबह जल्दी उठना और रात बेचैन हो तो इनके पास बैठ जाना इनकी खुशबू से बेचैनी कम हो जाएगी।


रुचि हर्ष

लेखिका और लाइफ कोच

 
 
 

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