top of page
Search

थकान...

थकान शरीर से ज्यादा मन की
थकान शरीर से ज्यादा मन की

ये कैसी थकान है !!???


जब बच्चे ने मां से कहा मां आज कुछ अच्छा बना दो …पर हर बार की तरह उसने अनसुना किया या बेमन से पका दिया…..

पापा आप आज भी भूल गए मैंने कहा था ना important स्कूल का काम है…...

घर में काम करने वाले नौकर को बेवजह छोटी-छोटी बात पर डांट दिया …...

Office में सारा गुस्सा अपने से छोटे पद पर बैठे कर्मचारी पर निकाल दिया…...

घर का खाना खाने से पहले ही मन ने उसे बेस्वाद कहा और मन से त्याग दिया…...

रोज आईना कपड़ों को दिखता है पर फिर भी खुद को देखे हुए एक ज़माना बीत गया है…...

ऐसा होता है ना!!??

कितने ही काम दिमाग भूल गया फिर परेशान होकर बस मोबाइल में गड़ा कर आंखें यूं ही reel देखने लगा।


ये कैसी 'दिमागी थकान' है जो सब कुछ होते हुए भी हमें दिल-से जिंदगी से जुड़ने नहीं दे रही

ये कैसी थकान है ???!!!

हां ,मुझे खुद पर गर्व है

मैं खुद से प्यार करता हूं

हां, मैं बहुत अच्छा कर रही हूं

हाथ जोड़कर ईश्वर को धन्यवाद देता हूं इस जीवन के लिए (feeling of gratitude)

ये थकान हमें ये सब महसूस नहीं करने दे रही

Life के अच्छे पहलू की तरफ देखने ही नहीं दे रही…

और तो और अच्छा खाकर, सुंदर कपड़े पहन कर ,दोस्तों के साथ पार्टी करके

भी ये थकान खुश नहीं होती हैं , isn't it!!


जरा बैठकर चलो!

पूछते है मन से की तू क्यों थका हुआ है-

इतना तो काम भी नहीं है जिंदगी में जितना तू भाग रहा है

भविष्य की चिंता है ?? है डर कोई छिपा हुआ

हां, मेरे मन …ये डर सबको लगता है

पर मेरे दोस्त आज में छिपी है ताजा सांसे

उन्हीं से तो अपना सच्चा रिश्ता है

मेरे मन…

हल्के कदमों से चलना

मुस्कुरा कर खुले दिल से सबसे मिलना

ख़ुद को रोज कहना-

वाह ! भगवान ने मुझे क्या खूब गढ़ा ( बनाया ) है

यही तो सीखना है

यही जिंदगी जीने कि सच्ची कला हैं।


रुचि 'हर्ष'











 
 
 

Comments


© 2025 by RuchiHarsh. All rights reserved.

bottom of page